वक़्त और मैं

Aditi Gupta
Apr 28, 2021

कुछ सपने तो बहुत पहले ही बिखर गये थे,
पर मैनें धीरज रखा की अभी बहुत कुछ बाकी है,
इस जिंदगी मे करने को, खुद को सँवारने को,
वक़्त की मेरे से अनबन रहती थी,
उसे मेरा जज़्बा रास नही आया,
फिर मैने आदत बना ली,
खुद को वक़्त को सौंपने की,
उसका अनुसरण करने की||

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